राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी. ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारत की आजादी के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले नेता. सत्य और अहिंसा जैसे नजरियों में ना केवल विश्वास करने वाले, बल्कि उन नजरियों को जीवन में उतारने वाले. एक सिरफिरे कट्टरपंथी नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. गोडसे के मुताबिक, महात्मा गांधी एक धर्म विशेष और पाकिस्तान के हिमायती थे. दो अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है. इस साल भी मनाई जा रही है. राष्ट्रपति से लेकर पीएम मोदी तक महात्मा गांधी को याद कर रहे हैं. लेकिन इस बीच कुछ लोग सोशल मीडिया पर नाथूराम गोडसे के समर्थन में ट्रेंड चला रहे हैं. #नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है.

महात्मा गांधी की जयंती पर उनके हत्यारे और कट्टरपंथी विचारधारा रखने वाले गोडसे के समर्थन में ट्रेंड चलाना कोई नई बात नहीं है. हर साल कम से कम दो बार तो ऐसा होता ही है. पहला, गांधी जी के स्मृति दिवस पर और दूसरा उनकी जयंती पर. नाथूराम गोडसे के समर्थकों को उसके समर्थन में ट्रेंड चलाने में कोई डर भी महसूस नहीं होता. उनके मन में जो आता है, वो लिख देते हैं. मसलन, हिमांशू वशिष्ठ नाम के ट्विटर यूजर में एक यूजर ने गांधी जी की हत्या के बाद चले मुकदमे के दौरान की फोटो डाली और इसे सबसे अच्छी फोटो बताया, क्योंकि इसमें नाथूराम गोडसे, माधव सदाशिव गोलवलकर और विनायक दामोदर सावरकर सब साथ बैठे हैं.

गांधी जी ने कहा था कि वो बहुत से उद्देश्यों के लिए मरने के लिए तैयार हैं, लेकिन ऐसा कोई भी उद्देश्य नहीं है, जिसके लिए वो किसी की हत्या करें. गांधी जी की ये बात, उनके द्वारा गढ़े गए कई सिद्धांतों में से एक है. उन्होंने हमेशा सत्य और अहिंसा का दामन थामे रखा. आज भी भारत को गांधी और बुद्ध के देश के तौर पर जाना जाता है. ऐसे देश के तौर पर जहां सभी के लिए जगह है. कोई गोडसे किसी गांधी को तो मार सकता है, लेकिन उनके विचारों को नहीं. वो विचार जो भारत देश को उसकी पहचान देते हैं. इस पहचान को गोलियों से छलनी करना संभव नहीं है.