Covid 19 की दूसरी लहर आने के बाद मोदी सरकार ने जिस तरह से मोर्चा संभाला है, उससे देश की इकोनॉमी रफ्तार पकड़ने लगी है. मैन्‍युफैक्‍चरिंग समेत सभी सेक्‍टरों में अच्‍छी प्रगति दर्ज हुई है. इस बीच, World Bank के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की चपेट में आई भारतीय अर्थव्यवस्था अब संकट से उबरने की स्थिति में है और बैंक इसका स्वागत करता है. मालपास ने यह भी कहा कि भारत संगठित क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में अधिक लोगों को एकीकृत करने और लोगों की कमाई बढ़ाने की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. भारत ने इस दिशा में कुछ प्रगति की है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है.

मालपास ने यहां संवाददाताओं से कहा, “भारतीयों को कोविड की लहर से बहुत नुकसान हुआ है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने टीकों के विशाल उत्पादन के साथ इससे निपटने की कोशिश की है और टीकाकरण के प्रयास में प्रगति हुई है. लेकिन हमें भारतीय अर्थव्यवस्था पर और विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र पर जो प्रभाव पड़ा है, उसका पता लगाना होगा.

पिछले हफ्ते विश्व बैंक ने इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था के 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था. मालपास ने एक सवाल के जवाब में कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है, और हम इसका स्वागत करते हैं. इसने कोविड की ताजा लहर से पार पालिया है. यह अच्छी बात है. लेकिन भारत, अन्य देशों की तरह, अब आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और दुनिया में बढ़ रही मुद्रास्फीति से प्रभावित हो रहा है.

एक दिन पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी कहा है कि भारत के लिए इस वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 8.5 फीसदी की वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा.