गुजरात के चार लोगों की अमेरिकी-कनाडा बॉर्डर पर ठंड से मौत की खबर के बाद अब एक और बुरी खबर आई है. रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के 6 लोग अमेरिकी जाने के क्रम में तुर्की में अगवा कर लिए गए हैं. ये लोग गांधीनगर के हैं और अमेरिका जाने के रास्ते में तुर्की से गायब हैं. गांधीनगर पुलिस के मुताबिक गायब हुए लोग गांधीनगर के गांव के दो परिवार से हैं. पुलिस के मुताबिक ये लोग कलोल तालुका के किसी गांव के हैं. ये सभी अमेरिका जा रहे थे लेकिन तुर्की से यह लोग लापता हैं. सूत्रों के मुताबिक मानव तस्कर ने इन्हें तुर्की से अगवा कर लिया है और उन्हें फिरौती के लिए रखा गया है. अपहरणकर्ता ने इन लोगों को वापस करने के बदले रकम की मांग रखी है.
अमेरिका जाने के मकसद की जांच
गांधीनगर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अपहृत हुए लोग दो परिवारों से हैं. एक परिवार में तेजस पटेल, उनकी पत्नी अल्का और बेटा दिव्य शामिल हैं जबकि दूसरे परिवार में सुरेश पटेल, उनकी पत्नी शोभा और बेटी फोरम शामिल हैं. ये लोग दिसंबर के आखिर या जनवरी के पहले सप्ताह में अपने गांव से अमेरिका के लिए विदा हुए थे लेकिन तुर्की पहुंचने के बाद से इनका कोई अता-पता नहीं है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंस्तांबुल में भारतीय दूतावास को अपहृत परिवारों के रिश्तेदारों ने शिकायत दी है जिसके आधार पर उनकी खोज जारी है. इस मामले में एक सीआईडी की एक टीम गठित कर दी गई है जो यात्रा के विवरण को रिक्रिएट करेगी. पुलिस यह पता लगाएगी कि इन लोगों के अमेरिका जाने का मकसद क्या था और इंस्तांबुल कैसे पहुंच गया. अधिकारी ने इन लोगों के गांव का नाम नहीं बताया.
अमेरिकी प्रवेश करते हुए चार गुजराती की मौत
इससे पहले गुजरात के ही चार लोगों को अमेरिकी-कनाडा बॉर्डर पर ठंड से मौत हो गई थी. मारे गए लोगों में जगदीश पटेल, उनकी पत्नी और दो नाबालिग बच्चे शामिल थे. पुलिस का मानना है कि इन लोगों को भी इस्तांबुल में अगवा हुए लोगों के तालुका के ट्रैवल एजेंट ने भेजा था. इसलिए पुलिस सूत्रों ने कहा कि दोनों परिवारों को इस्तांबुल भेजने में इसी संदिग्ध ट्रैवल एजेंट का हाथ हो सकता है. दरअसल, 35 साल के जगदीश पटेल, 33 साल की उनकी पत्नी वैशाली, और उनके दो नाबालिग बच्चे ठंड में सिकुड़कर कनाडा-अमेरिका बॉर्डर पर मृत पाए गए थे. ये लोग कथित तौर पर भारतीयों के एक बड़े समूह से अलग हो गए थे, जिन्होंने -35 डिग्री सेल्सियस तापमान में अमेरिकी बॉर्डर पार करने की योजना बनाई थी. उनके शव कनाडा की ओर अमेरिकी सीमा से महज 10 मीटर दूर पाए गए.