एस में महंगाई से जुड़े आंकड़े आने के बाद मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली. दरअसल आशंका जताई जा रही है कि इंफ्लेशन पर कंट्रोल के लिए यूएस फेड रिजर्व ब्याजों में दरों में बढ़ोतरी कर सकता है. अमेरिका में कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई जुलाई की तुलना में अगस्त में 0.1 बढ़ी है. इन आंकड़ों पर ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने निराशा जताई है. इसके बाद अमेरिकी शेयर बाजार के तीनों बड़े इंडेक्स में जबरदस्त गिरावट आई और करीब 5 फीसदी तक टूट गए. यह गिरावट एक दिन में जून 2020 के बाद होने वाली सबसे बड़ी गिरावट है.
CPI आंकड़ों के जारी होने के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी के सिलसिले को जारी रख सकता है और 75 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि कर सकता है. क्योंकि महंगाई की यह दर उम्मीद से ज्यादा है. जुलाई के मुकाबले यह दर बढ़कर 5.9 फीसदी से बढ़कर 6.3 प्रतिशत हो गई है. इससे पहले फेडरल रिजर्व के चीफ जिरोम पॉवेल ने कहा था कि, सेंट्रल बैंक महंगाई से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.
‘महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए और समय लगेगा’
अमेरिका में जुलाई में अपरिवर्तित रहने के बाद उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पिछले महीने 0.1% बढ़ा. हालांकि उपभोक्ताओं को पेट्रोल की कीमतों में 10.6% की गिरावट से कुछ राहत मिली है, लेकिन खाना, किराया, स्वास्थ्य सेवा, बिजली और नेचुरल गैस की कीमतों में कोई राहत देखने को नहीं मिली. क्योंकि फूड प्राइज में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को कहा कि, महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए और समय लगेगा. उन्होंने कहा कि, हाल ही में पास हुए इंफ्लेशन रिडेक्शन एक्ट का मकसद हेल्थ केयर से जुड़ी कीमतों को कम करना है ताकि नागरिकों को सस्ती दर पर इलाज मिल सके.
बता दें कि अमेरिका में पिछले महीने पेट्रोल की कीमतों में करीब 10.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी, जिसकी वजह से महंगाई के मोर्चे पर लोगों को राहत मिली थी. हालांकि अमेरिका में खाने-पीने से जुड़ी चीजों और घरों की कीमतों का बढ़ना अब भी जारी है. फूड इंडेक्स में पिछले साल 11.4 फीसदी की वृद्धि हुई, जो कि 1979 के बाद से एक साल में दर्ज की गई सबसे बड़ी बढ़ोतरी है.