सीएनजी और पीएनजी उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी खबर है. संभव है कि अगले सप्ताह के बाद दोनों की कीमतों में कमी आए. सीएनबीसी-आवाज ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि किरीट पारिख कमेटी नवंबर के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है. इस कमेटी का गठन यह पता लगाने के लिए किया गया था कि आम उपभोक्ताओं के लिए सीएनजी और पीएनजी का सही रेट क्या होना चाहिए.
मिली जानकारी के अनुसार, किरीट पारिख कमेटी अगले सप्ताह अपनी रिपोर्ट सौंपने जा रही है. इस रिपोर्ट में आम उपभोक्ताओं के लिए रियायती गैस कीमतों की सिफारिश की जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो यह सीएनजी, पीएनजी के डायरेक्ट उपभोक्ताओं के साथ-साथ गैस आधारित उर्वरक, और गैस आधारित बिजली संयंत्रों के उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर होगी.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किरीट पारेख इस रिपोर्ट में 6-7 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (mmbtu) की सीमा की सिफारिश की संभावना है. समिति ने रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार 31 अक्टूबर, मतलब कल, को स्टेकहोल्डर्स की बैठक बुलाई है. यह रिपोर्ट 2 भागों में होगी. इसमें सीजीडी के साथ-साथ फर्टिलाइजर और पावर प्लांट के लिए अलग से सिफारिशें होंगी.
साल में 2 बार तय होती हैं गैस की कीमतें
बता दें कि सरकार हर छह महीने में 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को प्राकृतिक गैस की कीमत तय करती है. गैस की कीमतें अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस अधिशेष देशों की गैस की कीमतों को ध्यान में रखकर निर्धारित की जाती हैं.
चूंकि, रूस-यूक्रेन संकट की वजह से एक वैश्विक संकट पैदा हो गया है. इसी वजह से 1 अक्टूबर को सरकार ने प्राकृतिक गैस के दाम में रिकॉर्ड 40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. प्राकृतिक गैस की कीमत 6.1 डॉलर से बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) हो चुकी है. इसका असर सीएनजी और पीएनजी उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है.