नोएडा में सुपरटेक ट्वीन टॉवर  को गिरे 5 दिन हो गए हैं और अब यहां हजारों टन मलबे का ढेर जमा है. इस मलबे को हटाने और रिसाइकल करने का काम हैदराबाद स्थित वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी करेगी. इस कंपनी का कहना है कि वह इस मलबे का इस्तेमाल इको फ्रेंडली तरीके से नए घर, पब्लिक पार्क और अन्य सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों में करेगी.

रि सस्टेनबिलिटी कंपनी के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि, 28 अगस्त को नोएडा में सुपरटेक ट्विन टॉवर के गिरने से करीब 30 हजार टन मलबा जमा हो गया है. इसकी मदद से 1 करोड़ 80 लाख स्क्वेयर फीट की प्रिकास्ट टाइल्स बनाई जाएगी, जिससे करीब 300 फुटबॉल फील्डस को कवर किया जा सकता है.

3 महीने में हटेगा तीस हजार टन मलबा

उन्होंने कहा कि, ट्विन टॉवर महज 10 सेकेंड में गिरकर ढेर हो गया है लेकिन इसकी वजह से लगे 30,000 टन मलबे को हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा. कंपनी के सीईओ हमारा मकसद है कि ट्विन टॉवर के कचरे मलबे का 100 फीसदी रिसाइकलिंग की जाए ताकि इसमें लगे संसाधन का पूरी तरह से सदुपयोग किया जा सके.

बता दें कि 28 अगस्त को नोएडा में सुपरटेक ट्विन टॉवर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गिरा दिया गया था. इस गगनचुंबी इमारत में आसपास के लोगों को दूर जाने के लिए कह दिया गया था. लेकिन घरों में वापस लौटे लोगों में से कुछ लोगों ने आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की है. दरअसल ऐसा टॉवर के गिरने से पैदा हुई धूल को जिम्मेदार बताया गया. इसलिए ट्विन टॉवर के मलबे का जल्द से जल्द निस्तारण जरूरी हो गया है. वहीं सुपरटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर आरके अरोड़ा ने कहा कि, हमने ट्विन टावरों के 95 प्रतिशत घर खरीदारों को पैसा वापस कर दिया है. बाकी बचे 5 फीसदी लोगों को हम प्रॉपर्टी दे रहे हैं या ब्याज के साथ पैसा वापस कर रहे हैं.